Friday 4 July 2014


जब आप से पढाई ना हो और मन नही लगे तो एक बार इसे पढ़ लेना शायद पढाई होने लगे 
आज मायुस हे तू आज डरा हुवा हे तू 
आखिर क्या मायुस होना जित हे 
क्या डर के खामोस बैठ जाना जित हे 
अरे तू कभी ख़ुदार हुवा करता था
अरे तू कभी रातो पढ़ा करता था
फिर आज ये डर केसा ये मायूसी केसी
क्या भूल गया वो पल जब तूने घर से बैग उठाया था
क्या बोला था दोस्त को क्या बोला था जलने वालो लोगो को
अरे उस वक्त को याद कर जब तू अलग था
अरे वो वक्त याद कर जब तू ट्रेन में बैठा था
अरे उस मुसाफिर को याद जिसे ias बनने की ट्रेन में बोला था
याद आ गये ना वो दिन जब सपनों को इजत माना जाता था
याद आ गये ना वो दिन जब दोस्त को पढाई के बहाने ना बोला जाता था
याद कर वो दिन जब अकेले में किसी को कहा था की ias बनुगा
क्यों चुप हे अब, क्यों सोया हे अब , अरे दो दिन में पहाड़ नही उखड़ते
अरे अपनी आत्मा को जगा,, अपनी शक्ति को पहचान,, मेरे दोस्त
तू ही एक हे जो तेरे सपने पुरे कर पायेगा कोई और नही
याद कर उस मजदूर को जिसे रोटी नही मिलती
याद कर उस बच्चे को जिसकी जिन्दगी प्लेटफार्म पर पलती
अरे याद कर उस दिन को जब तेरी आँखों के सामने अन्याय हुवा था
याद कर वो दिन जिस दिन उस ऑफिस में त्तेरा काम ना हुवा था
याद कर जब कोई बाइक तेरे पास से ऐसे गुजारा मानो अमीरी दिखा रहा हे
याद आया वो दिन जब बहन के साथ था और सोच रहा था कब घर आयेगा
याद कर माँ की वो कहानी जिसके बाद माँ रोई थी
अरे क्या ये जुल्म नही ओर तू हिम्मत हारा तो कौन खत्म करेगा इन्हें
भूखे को रोटी कौन दिलाएगा सडक पर पैदा हुवे बच्चे को कौन स्कूल दिखलायेगा
अरे सब बदलना चाहता हे न तू दुराचारियो से बदला लेना चाहता हे ना तू
अरे अपने लिए नही अपने देश के लिए ही सही
अरे उस लडकी के लिए ही सही जो अच्छी लगती थी
पर नौकरी न होने से दिल में ही अच्छी लगती रही
अरे अपने घर को याद कर जिसका छप्पर अभी नही बदला
अरे पिता को याद कर जो तेरे बारे में मोहले भर में बोला करते हे
अरे माँ को याद कर माँ को कहता था न तू की तेरा बेटा dm होगा
बहन को क्या बोला था की तेरी शादी जोरो से करूंगा
बता क्या मायूस होना हल हे क्या चुप रहना हल हे
नही तो फिर सोचता क्या हे उठा किताब पढ़ डाल इतिहास
पढ़ डाल राजनीती पढ़ डाल अर्थशास्त्र पढ डाल भूगोल
पढ़ डाल पर्यावरण पढ़ डाल विज्ञान , करेंट की चिंता मत कर
करेंट तू खुद बनायेगा कल तू भी कुछ होगा
अरे प्रितियोगिता दर्पण ,क्रोनिकल ,योजना
कुरुक्षेत्र ,विज्ञान प्रगति में तेरा फोटो होगा
कोई पढ़ेगा तेरे सपनों का भारत और उसमे ये होगा
गरीब को सहारा ,भूखे को रोटी ,लाचार को प्यार
पिता जी को सम्मान ,मा के आँचल की शक्ति ,बहन की सुरक्षा
ऐसा होगा तेरा लिखा भारत जो जरूर छपेगा
अब कोई तुजे रोक नही सकता तो उठा किताब और दिखा दे
की तू सच्चा दोस्त हे , भाई हे ,बेटा हे ,
देश भक्त हे ,नेक इन्सान हे ,दयावान हे !


भाई में चाहता हु की कोई दोस्त मायूस हो कर हार ना माने क्योकि हमारा हार मानना अन्जाने में कई लोगो की उम्मीदों की हार हे और अगर आप प्रयत्न करते रहे तो आपके चाहने वाले भले आपको कुछ बोलते हो लेकिन दिल से दुवा देने के साथ आपके सफल होने की आस लगाते रहेंगे और कहते हे की जिसके पास अपनों की दुवा और कर्मो को ताक्कत हो उसे बनने से कोई नही रोक पाया हे!! सुयम भगवान लिखे नसीब को बदल देते हे क्योकि इश्वर तब तक ही हे जब तक सच्चे को न्याय हे !
विस्वास रखिये मंजिले आपको बुला रही हे बस जोर का रपटा मार और चड जा 

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